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वह कृपालु, सर्वउदार है! हे ईश्वर! मेरे ईश्वर! तेरी पुकार ने मुझे अपनी ओर आकृष्ट किया है और तेरी महिमा की लेखनी ने मुझे जाग्रत किया है। तेरे पावन वचन के निर्झर ने मुझे आनन्दविभोर कर दिया है और तेरी प्रेरणा की मदिरा ने मुझे सम्मोहित कर दिया है। हे ईश्वर! तू देखता है मुझे, तेरे अतिरिक्त अन्य सबसे विरक्त, तेरे आशीषों की डोर से बंधा हुआ और तेरी अनुकम्पा के चमत्कारों के लिये आकुल-व्याकुल मन-प्राण लिये, तेरी स्नेहसिक्त कृपा के उमड़ते सागर और तेरे संरक्षण के दमकते प्रकाश के नाम से मैं तेरी विनती करता हूँ कि तू ऐसा वर दे जो मुझे तेरे समीप ले जाये और तेरे नाम-रत्न का धनी बना दे। मेरी जिह्वा, मेरी लेखनी, मेरा तन-मन तेरी शक्ति, तेरी सामर्थ्य, तेरी अनुकम्पा और तेरी कृपा का प्रमाण दे रहे हैं कि तू ही ईश्वर है और तेरे अतिरिक्त अन्य कोई ईश्वर नहीं, शक्तिसम्पन्न, सामर्थ्यवान।
- Bahá'u'lláh