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हे सर्वषक्तिमान परमात्मा !
मैं पापी हूँ किन्तु तू करुणामय है, मैं भूलों के अंधकार में भटक रहा हूँ, किन्तु तू क्षमाशीलता का प्रकाश है। हे तू उदार प्रभु मेरे पापों को क्षमा कर दे। मुझे अपनी निधियाँ प्रदान कर। मेरे दोषों को देखा-अनदेखा कर दे। मुझे शरण दे। अपने धैर्य के व्योम में मुझ डुबो ले तथा मुझे समस्त व्याधियों तथा रोगों से छुटकारा प्रदान कर। मुझे शुद्धि तथा पवित्रता प्रदान कर तथा पावन धारा में से अपना भाग ग्रहण करने दे ताकि खेद एवं शोक लुप्त हो जाये। हर्ष तथा आनन्द का आगमन हो जाये। और स्वीकार कर कि भय का स्थान साहस ले ले। निसंशय तू क्षमाशील है, अत्यंत करुणानिधान है और तू ही उदारस्वरूप एवं प्राण दाता है
- `Abdu'l-Bahá