Return to BahaiPrayers.net
Facebook
हे स्वामी! तेरे नाम पर बिछाये गये इस आनन्दमय पटल को हटा मत और उस प्रज्ज्वलित शिखा को, जो तेरी कभी न बुझने वाली अग्नि द्वारा प्रज्वलित की गई है, बुझा मत। उस प्रवाहमान जीवंत जल को, जो तेरी महिमा और तेरे स्मरण की सुमधुर ध्वनि को गुंजरित करते हैं, प्रवाहित होने से मत रोक और अपने सेवकों को अपने प्रेम से सुवासित तेरी मधुर सुगंध की सुरभि से वंचित मत कर।
हे स्वामी! अपने विशुद्धजनों की कष्टदायक चिन्ताओं को दूर कर, उनकी कठिनाइयों को सुख में, उनके अपमान को महिमा में, उनके शोक को आनन्द में बदल दे। हे तू, जो अपनी मुट्ठी में सम्पूर्ण मानवता की नियति की ड़ोर थामे हुए है। तू सत्य ही एकमेव, सामर्थ्यशाली, सर्वज्ञाता, सर्वप्रज्ञ है।
- `Abdu'l-Bahá