Return to BahaiPrayers.net
Facebook
हे दिव्य विधानकर्ता! हम दया के पात्र हैं, हमें अपनी सहायता दे, घर विहीन बटोही हैं हम, अपनी शरण का दान दे, बिखरे हुए हैं हम, तू हमें एक कर दे, हम भटके हुए राही हैं, अपनी शरण में ले ले हमें, हम वंचित हैं, हमें अपना अंश मात्र दे दे, हम प्यासे हैं, हमें जीवन-सरिता की राह दिखा दे, हम दुर्बल हैं, हमें सबल बना दे, ताकि हम तेरे धर्म की सहायता हेतु उठ खड़े हों और तेरे मार्गदर्शन की राह पर चलकर अपना जीवन न्योछावर कर सकें।
- `Abdu'l-Bahá