स्तुत्य है तू, हे मेरे नाथ! मेरे परमेश्वर! मैं याचना करता हूँ तुझसे, तेरे उस महान नाम के द्वारा जिससे तूने अपने सेवकों को सक्रिय बनाया है और अपने नगरों का निर्माण किया है; तेरी परम श्रेष्ठ उपाधियों के द्वारा और तेरे पावन गुणों के द्वारा मैं याचना करता हूँ तुझसे कि अपने इन सेवकों की सहायता कर ताकि ये तेरी बहुमुखी उदारता की ओर ध्यान केन्द्रित कर तेरी प्रज्ञा के वितानों की ओर उन्मुख हो सकें। उन रोगों को दूर कर जिन्होंने मानवात्माओं को हर दिशा से आक्रांत किया है और सबको अपनी छत्रछाया देने वाले तेरे उस नाम के आश्रय में स्थित स्वर्ग की ओर देखने में बाधा दी है। वह नाम जिसे तूने उस स्वर्ग और इस धरती पर विद्यमान सभी के लिये नामों का सम्राट होने का विधान किया है। तू जैसा चाहे वैसा करने में समर्थ है, तेरे हाथों में सभी नामों का साम्राज्य है, तेरे अतिरिक्त कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है, सामर्थ्यशाली, प्रज्ञामय।
मैं एक दीन-हीन प्राणी हूँ। हे मेरे नाथ, मैं तेरी सम्पदाओं से जुड़ा हूँ। मैं रुग्ण हूँ, मैं तेरी आरोग्यदायी शक्ति की डोर को कस कर पकड़े हुए हूँ, मुझे सभी ओर से घेरे हुए इन रोगों से मुक्त कर और मुझे अपनी अनुकम्पा और दया के जल से पूरी तरह से निर्मल कर दे। अपनी क्षमाशीलता और अक्षय सम्पदाओं के द्वारा मुझे अपने अतिरिक्त अन्य सबकी आसक्ति से छुटकारा दे। तेरी जैसी इच्छा हो वैसा करने में और जिससे तुझे प्रसन्नता हो उसे पूरा करने में सहायता दे। तू सत्य ही, इस जीवन का और अगले जीवन का स्वामी है। तू सत्य ही सदा क्षमाशील, परम दयामय है।
- Bahá'u'lláh
हे ईश्वर, मेरे परमेश्वर! मैं तुझसे तेरी आरोग्यदायी शक्ति के उस महासिंधु के नाम पर और तेरे अनुग्रह के उस दिवानक्षत्र के प्रभापुंजों के नाम पर और तेरे उस नाम पर जिसके द्वारा तूने अपने सेवकों को अपने अधीन किया है और तेरे उस परमोच्च शब्द की सर्वव्यापी शक्ति के नाम पर, और तेरी इस परम उदात्त लेखनी की शक्ति के नाम पर और तेरी उस दया के नाम पर जो स्वर्ग और धरती पर विद्यमान सब की सृष्टि से पहले उद्भूत हुई थी, तुझसे याचना करता हूँ कि मुझे अपनी कृपा के जल से सभी व्याधियों, रोगों, सभी निर्बलता और दुर्बलता से मुक्त कर दे।
देखता है तू, हे मेरे स्वामिन्, अपने इस आराधक को तेरी अक्षय सम्पदाओं के द्वार पर राह देखते हुए और तेरी उदारता की डोरी थाम आस लगाये हुए। मैं अनुनय करता हूँ तुझसे कि उसे उन वस्तुओं से वंचित मत कर जिन्हें वह तेरी कृपा के महासिंधु और तेरी स्निग्ध कृपालुता के दिवानक्षत्र से मांगता है।
तू जैसा चाहे करने में सशक्त है, तेरे अतिरिक्त अन्य कोई परमेश्वर नहीं है, सदा क्षमाशील, परम उदार।
- Bahá'u'lláh
*(आरोग्य के लिये जिन प्रार्थनाओं को प्रकट किया गया है, वे शारीरिक और आध्यात्मिक, दोनो प्रकार से निरोग रहने के लिये हैं। इसलिये, आत्मा और शरीर के स्वास्थ्य लाभ के लिये ये प्राथनाएँ की जानी चाहिये।)
तेरा नाम ही मेरा आरोग्य है, हे मेरे ईश्वर! तेरा स्मरण ही मेरी औषधि है। तेरा सामीप्य ही मेरी आशा, तेरा प्रेम ही मेरा सहचर है। मुझ पर तेरी अनुकम्पा ही मेरी निरोगता है और इहलोक तथा परलोक दोनों में मेरी आपद सहायक है। वस्तुतः, तू ही है सर्वप्रदाता, सर्वज्ञ एवं सर्वप्रज्ञ।
- Bahá'u'lláh
##आरोग्य के लिये लम्बी प्रार्थना
*Long healing Prayer
वह है रोगनिवारक, वही है परिपूरक सहायक, क्षमाशील, सर्वकरुणामय !
आहवान करता हूँ तेरा, हे परम महान !
हे निष्ठावान, हे गरिमावान, तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आह्वान करता हूँ तेरा, हे सम्राट, हे उन्नतिदाता, हे न्यायकर्ता ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे अनुपम, हे अनन्त, हे एकमेव ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे परम प्रशंसित, हे पावन हे सहायक ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, सर्वदर्शी, हे महाप्रज्ञ, हे परम महान ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सौम्य, हे भव्य, हे निर्णायक ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे प्रियतम, हे चिरवांछित, हे परमानन्द ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे परम शक्तिमंत, हे प्राणाधर, हे सामर्थ्यवान ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे अधिनायक, हे स्वयंजीवी, हे सर्वज्ञ | तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आह्वान करता हूँ तेरा, हे चेतना, हे प्रकाश, हे परम प्रत्यक्ष ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सर्वसुलभ, हे सर्वज्ञात, हे सर्वनिगूढ़ ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे अगोचर, हे विजेता, हे वरदाता ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सर्वशक्तिमंत, हे सहायक, हे आवरणदाता! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे स्वरूपदाता, हे पालनहार, हे संहारकर्ता ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे उदीयमान, हे एकत्रकर्ता, हे उन्नायक ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे पूर्णकर्ता, हे अप्रतिबंधित, हे कृपालु ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे परोपकारी, हे बंधनकारी, हे सृष्टिकर्ता ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे परमउदात्त, हे परम सौदंर्य ! तू परम दयालु, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे न्यायशील, हे दयाशील, हे परम उदार ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सर्वबाध्यकारी, हे चिरशाश्वत, हे परम ज्ञाता ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे महभव्य , हे युग-प्राचीन, हे महामना ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सुसंरक्षित, हे सच्चिदानन्द, हे मनोवांछित ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सर्वदयालु, हे सर्वकृपालु, हे कल्याणीकारी! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सब केसहायक, हे सबके आहवान ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे प्रकटकर्ता, हे रूद्र, हे परम सौम्य ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे मेरी आत्मा, हे मेरे प्रियमत, हे मेरी आस्था ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे प्यास बुझाने वाले, हे भावातीत प्रभु, हे परम अनमोल ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे महानतम् स्मरण, हे सर्वोत्तम नाम हे प्रचीनतम् मार्ग ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे सर्वाधिक प्रशंसित, हे परम पावन, हे पवित्रम् ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे निबंधक हे परामर्शदाता, हे मुक्तिदाता ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे बन्धु, हे अरोग्यदाता, हे सम्मोहक ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे प्रताप, हे सौन्दर्य, हे परम कृपालु ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे परम विश्वासी, हे सर्वोत्तम प्रेमी, हे आदित्य! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे ज्योतिदाता, हे दिप्तिदाता , हे आनन्द के संवाहक ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे कृपालु प्रभु, हे परम करुणामय, हे परम दयालु ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
आहवान करता हूँ तेरा, हे ध्रुव, हे जीवनधार, हे असित्व-मूल ! तू परिपूरक, तू रोगनिवारक, तू चिरन्तन, हे तू चिरन्तन !
- Bahá'u'lláh
तेरा नाम ही मेरा आरोग्य है, हे मेरे ईश्वर, और तेरा स्मरण ही मेरी औषधि है। तेरा सामीप्य ही मेरी आशा, और तेरा प्रेम ही मेरा सहचर है। मुझ पर तेरी दया ही मेरी निरोगता और इहलोक तथा परलोक दोनों में मेरी सहायक है। सत्य हीः, तू ही है सर्वउदार, सर्वज्ञ एवं सर्वप्रज्ञ।
- Bahá'u'lláh
हे ईश्वर, मेरे ईश्वर! मैं तुझसे तेरी आरोग्यदायी शक्ति के महासिंधु के नाम से और तेरे अनुग्रह के दिवानक्षत्र के प्रभापुंजों के नाम से और तेरे नाम से जिसके द्वारा तूने अपने सेवकों को अपने अधीन किया है और तेरे परमोच्च शब्द की सर्वव्यापी शक्ति के नाम से और तेरी परम उदात्त लेखनी की शक्ति के नाम से और तेरी दया के नाम से जो आकाश और धरती पर विद्यमान सबकी सृष्टि से पहले उद्भूत हुई थी, तुझसे याचना करता हूँ कि मुझे अपनी कृपा के जल से समस्त व्याधियों, रोगों, निर्बलता और दुर्बलता से मुक्त कर दे।
तू देखता है, हे मेरे स्वामी, अपने इस आराधक को तेरी अनुकम्पा के द्वार पर राह देखते हुए और तेरी उदारता की डोरी थाम आस लगाये हुए। मैं अनुनय करता हूँ तुझसे कि उसे उन वस्तुओं से वंचित न कर जिन्हें वह तेरी कृपा के महासिंधु और तेरी स्निग्ध कृपालुता के दिवानक्षत्र से मांगता है।
तू जैसा चाहे वैसा करने में सक्षम है, तेरे अतिरिक्त अन्य कोई ईश्वर नहीं है, सदा क्षमाशील, परम उदार।
- Bahá'u'lláh
हे मेरे ईश्वर! हे मेरे ईश्वर! अपने सेवकों के हृदयों को एक कर दे और उन पर अपना महान उद्देश्य प्रकट कर। जिससे वे तेरे आदेशों का अनुपालन करें और तेरे नियमों पर अटल रहें। हे ईश्वर! तू उनके प्रयासों में उनकी सहायता कर और उन्हें अपनी सेवा करने की शक्ति प्रदान कर। हे ईश्वर! उन्हें उनके ऊपर न छोड़; उनके पगों का, अपने ज्ञान के प्रकाश द्वारा मार्गदर्शन कर और उनके हृदयों को अपने प्रेम से आनंदित कर दे। सत्य ही, तू उनका सहायक और उनका स्वामी है।
- Bahá'u'lláh